Thursday, July 21, 2011

आनंद बक्शी जन्मदिवस आज


हिन्दी सिनेमा के सुपरिचित गीतकार आनंद बक्शी का जन्म 21 जुलाई 1930 को रावलपिंडी पाकिस्तान में हुआ। बँटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आ गये। पहले स्विच बोर्ड अपेरेटर और फिर फ़ौज में । मुंबई आये तो थे गायक बनने लेकिन गीतकार के रूप में सफल रहे | फ़िल्मी दुनिया का यह सफ़र कांटों भरा रहा, शुरुआती सफ़लता के बाद भी बक्शी साहेब को मुकम्मल पहचान बनाने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पडा । शैलेन्द्र ,हसरत जयपुरी, और शकील बदायुनी जैसे गीतकारों के बीच अपना नाम बनाना कोई सरल काम था भी नही । फ़िल्म ‘हरियाली और रास्ता’ से उनकी कडी मेहनत रंग लाई। फ़िर ‘मिलन’ के गीतों से वह मुकम्मल पहचान बना पाए । मिलन के गीत : सावन का महीना, राम करे ऐसा हो जाए, हम तुम युग-युग गीत मिलन के आज भी सुने जाते हैं ।आनंद बक्षी को अपने समय के श्रेष्ठ संगीतकारो व फ़िल्म मेकर्स के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । संगीतकारों मे सचिन देव बर्मन(आराधना,प्रेमनगर ), लक्ष्मीकांत प्यारेलाल(मिलन), राहुल देव बर्मन( अमर प्रेम), कल्याण जी- आनंद जी(जुआरी) राजेश रोशन, नदीम –श्रवण, जतिन- ललित और उत्तम सिंह के साथ काम किया । फ़िल्मकारो में : शक्ति सामंत ( अमर प्रेम, आराधना, कटी पतंग, अनुराग, अनुरोध ), मनमोहन देसाई ( अमर अकबर अंथोनी), देव आनंद ( हरे रामा हरे कृष्णा), सुभाष घई (कर्ज़) की फ़िल्मों के लिए गीत लिखे । आनंद बक्शी एक ऐसा नाम है जिसे संगीत-प्रेमी बचपन से ही सुनते चले आ रहे हैं। रेडियो या रिकार्ड पर फ़िल्मी गीत सुनने वाले श्रोताओं के लिए आनंद बक्शी जैसे सुपरिचित फ़नकार को सुनना सामान्य सी बात है । बक्शी साहेब के लिखे गीत आज भी श्रोताओं के दिलों पर राज करते हैं ।

बक्शी साहब ने अपने कैरियर मे सैकडों गीत लिखे । अधिक मात्रा मे गीत लिखने का असर लेखन क्षमता पर कम ही दिखता है । बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उन्हे पढ़ने का बेहद शौक था और रोज़ नया साहित्य पढ़ते थे। पढने- लिखने का यह शौक बक्शी साहेब की सृजन विविधता मे देखा जा सकता है ।बड़े गीतकार होते हुए भी वह स्वभाव से बहुत सरल थे, उनका यह पक्ष गीत चयन मे मुखर हुआ ।


आनंद बक्शी : गीतों का कारवां


फ़िल्म : बचपन
गीत: आया रे खेल खिलौने वाला

गली गली मैने यह आवाज़ लगाई
हाय रे सुने ना कोई, मेरी यह दुहाई
मेरे खिलौने, मेरे यारो, आओ मेरे साथ पुकारो
आया रे खेल खिलौने वाला, खेल खिलौने लेकर आया रे !

आओ मेरी आंख के तारो, कहां गए ओ मेरे प्यारो
आया रे खिलौने वाला…

शोर क्युं मचाती है, यह बरखा दीवानी
बरसा घटाओं से लाखो मन पानी
मेरी तरह तुम कभी रोए हो
ओ सावन के नज़ारों ?
आया रे खिलौने वाला…

भरी है कलियों से हर बाग की डाली
मेरी तो झोली मे दो फूल थे खाली
छिन लिए तुने वह भी काहे तुमने
आया रे खिलौने वाला…

देखो मैने गुड्डे की शादी है रचाई
मेरी प्यारी गुडिया की बारात है आई
गोरी चली बाबुल के घर से
डोली ले आओ कहारो

आया रे खिलौने वाला……


फ़िल्म : रोटी
गीत: यार हमारी बात सुनो

यार हमारी बात सुनो , ऐसा एक इंसान चुनो
जिसने पाप न किया हो,जो पापी न हो ।

कोई है चालाक आदमी, कोई सीधा-साधा
हममे हर एक है पापी ,थोडा कोई ज्यादा ।

हो कोई मान गया हो, कोई रूठ गया हो
कोई पकडा गया कोई छूट गया ।

हो पहले अपना मन साफ़ करो,
फ़िर औरो का इंसाफ़ करो

यार हमारी बात सुनो…


फ़िल्म: हाथी मेरे साथी
गीत : नफ़रत की दुनिया को छोड कर

नफ़रत की दुनिया को छोड के
खुश रहना मेरे यार…

नफ़रत की दुनिया को छोड के प्यार की दुनिया मे
खुश रहना मेरे यार
इस झूठ की नगरी से तोड के नाता जा प्यारे
अमर रहे तेरा प्यार, खुश रहना मेरे यार ।

जब जानवर कोई इंसान को मारे
कहते हैं दुनिया मे वहशी उसे सारे
एक जानवर की जान आज इंसानो न ली है
चुप क्यूं है संसार, खुश रहना मेरे यार ।

बस आखिरी सुन ले यह मेल है अपना
बस खत्म ऐ साथी यह खेल है अपना
अब याद मे तेरी बीत जाएंगे रो –रो के
जीवन के दिन चार, खुश रहना मेरे यार ।

नफ़रत की दुनिया को छोड के प्यार की दुनिया मे
खुश रहना मेरे यार…


फ़िल्म: नाम
गीत : चिटठी आई है

चिटठी आई है , आई है, चिटठी आई है
बडे दिनो के बाद, हम बेवतनों को याद
वतन की मिटटी आई है
चिटठी आई है …

ऊपर मेरा नाम लिखा है, अंदर यह पैगाम लिखा है
ओ परदेस को जाने वाले, लौट के फ़िर ना आने वाले
सात समंदर पार गया तु, हमको ज़िंदा मार गया तु
खून के रिश्ते तोड गया तु , आंख मे आंसू छोड गया तु
कम खाते हैं,कम सोते हैं, बहुत ज्यादा हम रोते हैं
चिटठी आई है …

सूनी हो गईं शहर की गलियां ,काटे बन गईं बाग की कलियां
कहते हैं सावन के झूले, भूल गया तु हम नही भूले
तेरे बिन जब आयी दीवाली, दीप नही दिल जले हैं खाली
तेरे बिन जब आई होली, पिचकारी से छूटी गोली
पीपल सूना, पनघट सूना, घर शमशान का बना नमूना
फ़सल कटी आयी बैशाखी,तेरा आना रह गया बाकी
चिटठी आई है…

पहले जब तु खत लिखता था, कागज़ मे चेहरा दिखता था
बंद हुआ यह मेल भी अब तो, खत्म हुआ यह खेल भी अब तो
डोली मे जब बैठी बहना, रस्ता देख रहे थे नैना
मै तो बाप हूं मेरा क्या है, तेरी मां का हाल बुरा है
तुने पैसा बहुत कमाया,इस पैसे न्र देश छुडाया
देश पराया छोड के आजा , पंछी पिंजडा तोड के आजा
आजा उम्रर बहुत है छोटी, अपने घर मे भी है रोटी !

चिटठी आई है…

फ़िल्म : पिया का घर
गीत: यह जीवन है

यह जीवन है जीवन का यही है रंग रुप
थोडे गम है थोडी खुशियां, यही है यही है यही है छांव धूप
यह जीवन है…

यह ना सोचो इसमे अपनी हार है कि जीत है
उसे अपना लो जो भी जीवन की रीत है
यह ज़िद छोडो यूं ना तोडो हरपल एक दर्पंण है
यह जीवन है इस जीवन क यही है रग-रूप
यह जीवन है …

धन से ना दुनिया से,घर से न द्वार से
सांसो की डोर बंधी है प्रीतम के प्यार से
दुनिया छूटे पर यह न टूटे ऐसा यह बंधन है
यह जीवन है …

फ़िल्म: प्रेमनगर
गीत : मै एक राजा हूं

मै एक राजा हूं, तु एक रानी है
प्रेम नगर की यह एक सुंदर कहानी है ।

क्या होती है प्रेअम कहानी
यह भी तु नादान न जानी
कितनी प्यारी तेरी यह नादानी है ।

मन मेरा एक महल हो जैसे
तु इसमे रहती है ऐसे,
जैसे सीप मे मोती है
सागर मे पानी है

मै एक राजा हूं, तु एक रानी है
मै एक राजा हूं ।


फ़िल्म: जीने की राह
गीत : एक बंजारा गाए

एक बंजारा गाए, जीवन के गीत सुनाए
हमसब जीने वालो को जीने की राह बताए
एक बंजारा गाए…

ज़माने वालों किताबो गम मे
खुशी का कोई फ़साना ढूंढो
अगर जीना है ज़माने मे तो
हंसी का कोई बहाना ढूंढो ।

आखों मे आंसू भी आए,तो आकर मुस्काए
एक बंजारा गाए…

सभी का देखो नही होता है
नसीबो रोशन सितारों जैसा
सयाना वह है जो पतझड मे भी
सजाले गुलशन बहारों जैसा

कागज़ के फूलों को भी, तु महका कर दिखलाए
एक बंजारा गाए…


फ़िल्म : हमसफ़र
गीत: किसी राह मे

किसी राह मे किसी मोड पर
कहीं चल न देना तु छोड कर
मेरे हमसफ़र…

किसी हाल मे, किसी बात पर
कहीं चल न देना तु छोड कर
मेरे हमसफ़र…

मेरा दिल कहे कहीं यह न हो
किसी रोज़ तुझसे बिछड के
मै ढूंढती फ़िरूं दर-ब-दर
मेरे हमसफ़र…

तेरा साथ है तो है जिंदगी
तेरा प्यार है तो है रोशनी
कहीं दिन यह ढल जाए क्या पता
कहां रात हो क्या खबर
मेरे हमसफ़र ,मेरे हमसफ़र ।

कहीं चल न देना…


कुछ और गीत: -

• दिये जलते है, फुल खिलते है---किशोर कुमार, राहुलदेव बर्मन, नमक हराम

• दम मारो दम, मिट जाए गम-----आशा भोसले, राहुलदेव बर्मन, हरे रामा हरे कृष्णा


• एक अजनबी हसीना से, यूँ मुलाकात हो गई-----किशोर कुमार, राहुलदेव बर्मन, अजनबी

• एक था गुल और एक थी बुलबुल------मोहम्मद रफी, कल्याणजी आनंदजी, जब जब फूल खिले

• हम ने सनम को खत लिखा, खत में लिखा------- लता मंगेशकर, राहुलदेव बर्मन, शक्ती

• हमसफर अब ये सफर कट जाएगा-----लता - मुकेश, कल्याणजी आनंदजी, जुआरी

• झिलमिल सितारों का आँगन होगा-----लता मंगेशकर, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, जीवन मृत्यू

• जिंदगी के सफर में, गुजर जाते है जो मकाम--------किशोर कुमार, राहुलदेव बर्मन, आप की कसम

• कोरा कागज था, लिख लिया नाम इस पे तेरा--------- किशोर, सचिनदेव बर्मन, आराधना

• लंबी जुदाई------रेश्मा, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, हीरो

• मेरे दीवानेपन की भी दवां नहीं-------किशोर कुमार, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, मेहबूब की मेहंदी

• मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे----- मोहम्मद रफी, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, आये दिन बहार के

• मेरे नैना सावन भादो, फिर भी मेरा मन प्यासा---- किशोर कुमार, राहुलदेव बर्मन, मेहबूबा

• मेरे नसीब में ऐ दोस्त तेरा प्यार नहीं----------- किशोर कुमार, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, दो रास्ते

• रैना बीती जाए, शाम ना आए----------- लता मंगेशकर, राहुलदेव बर्मन, अमर प्रेम

• सनम तू बेवफा के नाम से मशहूर हो जाए---------लता मंगेशकर, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, खिलौना

• सावन का महीना, पवन करे सोर------------लता - मुकेश, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, मिलन

• शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता हैं-------------लता मंगेशकर, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, आशा

• सुहानी चाँदनी रातें, हमे सोने नहीं देती----------- मुकेश, राहुलदेव बर्मन, मुक्ती

• ये लाल रंग कब मुझे छोडेगा-------- किशोर कुमार, सचिनदेव बर्मन, प्रेम नगर

• ये राते, नयी पुरानी-----------लता मंगेशकर, राजेश रोशन, जूली

• राम करे ऐसा हो जाए--------- मुकेश, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, मिलन

• ड्रिम गर्ल, किसी शायर की गजल---------किशोर कुमार, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, ड्रिम गर्ल

• चिंगारी कोई भडके, तो सावन -----------किशोर कुमार, राहुलदेव बर्मन, अमर प्रेम

• बडे अच्छे लगते हो----------अमित कुमार, राहुलदेव बर्मन, बालिका बधु

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