Wednesday, November 9, 2011

राकस्टार: एक महत्त्वपूर्ण फ़िल्म


इस शुक्रवार को रिलीज़ हो रही ‘राकस्टार’ वर्ष की एक महत्त्वपूर्ण फ़िल्म कही जा सकती है। अभिनेता रणबीर कपूर, निर्देशक इम्तियाज़ अली, संगीतकार रहमान और बालीवुड की दृष्टि से यह खास है । राकस्टार से पूर्व कालखंड में दर्शकों व समीक्षकों के दिलों को समान रूप प्रभावित करने वाली फ़िल्में उदासीन तथा संख्या में निराशाजनक रहीं । आंकडों के करिश्माई चार्ट और मार्केटिंग की जादूगरी भले ही किसी फ़िल्म को हिट बता दे, परंतु साल में अब तक कुछेक फ़िल्में ही दर्शकों को सिनेमाघरों तक बुला पाने में सफ़ल रही हैं ।

इम्तियाज़ अली की ‘राकस्टार’ बडे दांव और महान उम्मीद ‘मुख्यधारा’ हिंदी सिनेमा की नई पेशकश है । रणबीईड़ कपूर के सिने कैरियर की दृष्टिकोण से ‘राकस्टार’ सफ़र का निर्णायक मोड साबित हो सकती है । रणबीर के लघु सफ़र में इस फ़िल्म जैसा चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट संभवत पहली बार मिला है। हम जानते हैं कि संजय लीला भंसाली की ‘सांवारिया’ ,राजकुमार संतोषी की ‘अजब प्रेम की गज़ब कहानी’ राकेटसिंह, और प्रकाश झा की फ़िल्म ‘राजनीति’ से पहचान तो मिल ही चुकी है, फ़िर भी ‘राकस्टार’ उन्हें समकालीन मुख्यधारा हिंदी सिनेमा में एक विशेष स्थान दे सकती है ।

निर्देशक इम्तियाज़ अली के लिए भी फ़िल्म एक ‘अग्निपरीक्षा’ कही जा सकती है । बडा प्रश्न यह है कि ‘सोचा न था’ ,‘जब वी मेट’ ,‘लव आजकल’ जैसी प्रेम-प्रधान फ़िल्में बनाने वाले इम्तियाज़ क्या ‘राकस्टार’ में जादू कायम रख सकेंगे ? इम्तियाज़ के शानदार इतिहास को देखते हुए फ़िल्म से ‘आशा’ बंधती है,पर कठिनाई है कि ‘राकस्टार’ को वर्ष के निराशाजनक सिनेमा के उदास दिनों को प्रकाशवान ‘दीवाली’ धमाका’ देना होगा ! यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा ।

फ़िल्म का रिलीज़ काल भी इसे महत्त्वपूर्ण बना रहा है । बारह माह का वर्ष ग्यारहवें पडाव को प्रवेष पा गया है , नव वर्ष में दो माह से भी कम शेष हैं । बालीवुड साल को एक ‘सकारात्मक’ नोट पर खत्म करना चाहता है, इम्तियाज़ अली की नई फ़िल्म इस वर्ष को यादगार तरीके से अंजाम देगी, ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए । राकस्टार से बहुत चमत्कार की आशा भले ही न हो, परंतु कुछेक उम्मीदें तो सहज ही बनती हैं !

09-11-2011






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