Saturday, January 21, 2012
कश्मीर की दास्तान
फ़िल्मकार मुसा सईद की फ़िल्म ‘ Valley of saints’ कश्मीर पृष्टभूमि की एक प्रेम कहानी है।कश्मीर की आबे-हयात समझी जाने वाली ‘डल झील’ के नैसर्गिक वातावरण को हिंसक गतिविधियों ने दुषित सा कर दिया है ।डल के सहारे बसे बहुत से नाविक परिवार इस सबसे बेहद त्रस्त से रहते हैं, डल की इस तरह की अशांत गतिविधियों से एक तरह से शिकारे वालों का जीवन आधार ही छीन गया है ।युवा नाविक गुलज़ार भी(मुख्य पात्र) स्वर्ग को नरक में तब्दील होते देख बेहद दुखी है।
बेहतर ज़िंदगी की चाह में वह ‘कश्मीर’ को छोड कर कहीं और जाने का मन बनाता है । लेकिन यहां पर भी तकदीर साथ नहीं, शहर में हफ़्ते दस रोज़ से ‘कर्फ़्यु’ लगा हुआ है । अब उसे स्थिति सामान्य होने तक इंतज़ार करना होगा, वक्त गुज़ारने के लिए वह युवती असीफ़ा के काम में हांथ बंटाता है ।पेशे से वैज्ञानिक असीफ़ा पर्यावरण का अध्य्यन कर रहीं हैं, इस काम में मदद के लिए वह गुलज़ार को साथ लेती हैं । काम की वजह से दोनों में एक संवेदना डोर बंध जाती है । इधर असीफ़ा के अध्य्यन से कुछ उदासीन व चिंताजनक नतीज़े सामने आते हैं, यह बता रहे हैं कि किस तरह ‘डल झील’ और उसके आस-पास की ‘इकोलोजी’ प्रदुषित हो चुकी है । गुलज़ार सत्य को जानकर स्तब्ध सा है…
अब कैसे जिंदगी गुज़ारेंगे शिकारे वाले?
सदा से स्वर्ग समझी जाने वाली ‘कश्मीर’ क्या आज भी जन्नत है ?
इसके बाद गुलज़ार एवं कश्मीरियों की ज़िंदगी किस रूख जाएगी?… यही कहानी है ।
नोट: फ़िल्मकार मुसा सईद की फ़िल्म ‘ valley of saints’ कश्मीर पृष्टभूमि की एक प्रेम कहानी को बयान करने वाली फ़िल्म है । इसे सन 2012 के sundance फ़िल्म फ़ेस्टीवल में एक महत्त्वपूर्ण पुरस्कार के लिए नामित किया गया है ।
Labels:
KASHMIR
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment